उत्तराखंड के मद्महेश्वर धाम मे फसें श्रद्धालुओं का शुरू हुआ रेस्क्यू, हेली के माध्यम से अब तक निकाले गए 60 तीर्थयात्रि……

रुद्रप्रयाग: मदमहेश्वर घाटी में अतिवृष्टि के कारण ग्राम गौंडार में पैदल मार्ग को जोड़ने वाला पुल एवं मार्ग का कुछ हिस्सा बहने के वहाँ पर गये यात्री फंस गये थे। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ राहत बचाव कार्य में जुट गई। हालांकि, अभी तक 60 तीर्थयात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका है। आपको बता दे कि मद्महेश्वर धाम के बणतोली में तीन दिन पहले पुल ध्वस्त होने से सैकड़ों यात्री फंस गए थे। लिहाजा, मंगलवार को मौसम साफ होने के बाद यात्रियों का रेस्क्यू किया जा रहा है।

दरअसल, भारी बारिश और नदी का जलस्तर अधिक होने के चलते रेस्क्यू कार्य नहीं हो पा रहा था। लिहाजा, बारिश थमने और नदी का जलस्तर कम होने के बाद एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने तीर्थ यात्रियों को रेस्क्यू करने का काम शुरू किया। तीर्थ यात्रियों की संख्या अधिक होने के चलते अब हेली माध्यम से तीर्थयात्रियों का रेस्क्यू कार्य किया जा रहा है। अब तक करीब 60 श्रद्धालुओं रेस्क्यू किया जा चुका है।

*जनपद रुद्रप्रयाग- मद्महेश्वर में पुल टूटने से फंसे लोगों को SDRF ने किया रेस्क्यू।*

विगत दिनाँक 14 अगस्त को मदमहेश्वर घाटी में अतिवृष्टि के कारण ग्राम गौंडार में पैदल मार्ग को जोड़ने वाला पुल एवं मार्ग का कुछ हिस्सा बहने के वहाँ पर गये यात्री फंसे होने की सूचना SDRF को प्राप्त हुई थी।

उक्त सूचना पर श्री मणिकांत मिश्रा, कमांडेंट SDRF के निर्देशानुसार HC लक्ष्मण सिंह रावत के नेतृत्व में SDRF टीम तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना हुई।

SDRF रेस्क्यू टीम द्वारा अत्यधिक विषम परिस्थितियों में घटनास्थल पर पहुँचकर देखा गया कि वनतोली के पास पूल क्षतिग्रस्त होने से लगभग 200 मीटर मार्ग ध्वस्त हो गया था जिसके दूसरी ओर कुछ लोग फंसे हुए थे। नदी का जलस्तर अत्यधिक बढ़ा होने के कारण नदी पार करना संभव नही था। कमान्डेंट सर के निर्देशानुसार टीम घटनास्थल पर ही बनी हुई थी।

आज दिनाँक 15 अगस्त 2023 को SDRF टीम द्वारा पुनः रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते हुए रोप रिवर क्रासिंग मैथेड का प्रयोग करते हुए वहाँ फंसे 52 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया गया।