उत्तराखंड में यहाँ उग्र हुए शिवभक्त कांवड़िए, कार और कार सवार पर निकाली भड़ास, ऐसी कैसी भोलेनाथ की भक्ति, पुलिस ने दी ये चेतावनी…….

हरिद्वार: मंगलौर में कावड़ खंडित होने की बात कहते हुए कांवड़ियों ने हंगामा कर दिया। उन्होंने कार चालक के साथ मारपीट करने के साथ उसकी कार में तोड़फोड़ कर दी और आग लगा दी मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह से कांवड़ियों को शांत किया।

जानकारी के अनुसार मंगलौर में हाइवे स्थित गुड मंडी में कावड़ियों के लिए शिविर लगाए गए हैं जहां कांवड़िए विश्राम कर रहे थे।

कांवड़ियों द्वारा बताया गया है कि एक कार सवार व्यक्ति कार में सवार होकर शिविर में पहुंचा था जैसे ही वह वापस जा रहा था तो फिर कार वहां रखी कावड़ में लग गई जिसके कारण कावड़ खंडित हो गई। इस बात पर कांवड़िए भड़क गए और कार चालक को कार से बाहर निकालकर जमकर मारपीट कर दी और गाड़ी में तोड़फोड़ शुरू करते हुए उसे पलट दिया। इतना ही नहीं कांवड़ियों ने कार को आग के हवाले करने का प्रयास भी किया।

लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस ने कांवड़ियों को समझाया और उन्हें शांत किया। वहीं इस संबध में एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह का कहना है कि कांवड़ियों को कुछ गलतफहमी हो गई थी उन्हे समझाकर शांत कर दिया गया है। हालात समान्य है।

उग्र हुए शिवभक्त कांवड़िए
ग्राम सभा टिकोला रुड़की के पूर्व प्रधान चौधरी प्रताप सिंह को मारपीट कर किया घायल, गाड़ी भी की तहस-नहस। बिना जानकारी के भ्रामक सूचना पर कमेंट करते लोग

कृपया आप ऐसा ना करें
कल दिनांक 10 जुलाई को मंगलौर क्षेत्र में कार से कांवड़ टकराने पर कांवड़ियों द्वारा एकदम से उग्र होकर कार को क्षतिग्रस्त किए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

जिसमें अब सोशल मीडिया के माध्यम से यह प्रचारित/प्रसारित किया जा रहा है की कार में समुदाय विशेष के (मुस्लिम) दंपत्ति सवार थे और इस मामले पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।

यह बात पूरी तरह गलत है !!
जबकि इस घटना का किसी समुदाय विशेष से कोई संबंध नहीं है एवं क्षतिग्रस्त हुई कार के चालक स्थानीय निवासी प्रताप सिंह की शिकायत पर हरिद्वार पुलिस द्वारा उक्त मामले में मुकदमा दर्ज किया है और उपद्रव करने वाले ऐसे उपद्रवियों की पहचान की जा रही है।

समाज का माहौल खराब करने वाले “असामाजिक तत्वों द्वारा” बिना वास्तविकता जाने भ्रामक तथ्य प्रचारित किए जा रहे हैं।

अनावश्यक भ्रामक तथ्य प्रचारित करने से बचें।
भ्रामक एवं असत्य तथ्य प्रचारित करने पर संबंधित के खिलाफ ठोस वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।