उत्तराखंड में पुत्र मोह में चुनावी राजनीति से सन्यास लेने को मजबूर हरीश रावत, वीरेंद्र की कर दी लॉन्चिंग , क्या मिलेगी अनुपमा जैसी सफलता……

हरिद्वार: हरिद्वार सीट से भारतीय जनता पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पहले ही चुनाव मैदान में उतार चुकी है तो वहीं निर्दलीय तौर पर मजबूत प्रत्याशी उमेश कुमार भी अपना नामांकन कर चुके हैं।

कल देर शाम जब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया से आज पूरे दिन भर का अपना कार्यक्रम दिल्ली से लेकर हरिद्वार होते हुए देहरादून का डाला तो राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा होने लगी थी कि हरीश रावत ही कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे, लेकिन नारसन बॉर्डर पर पहुंचते ही जिस तरह हरीश रावत के स्वागत के लिए कार्यकर्ता उपस्थित थे और जब फूल मालाओं से हरीश रावत का स्वागत करने की तैयारी कर रहे थे तो हरीश रावत की जगह उनके पुत्र वीरेंद्र रावत के गले में सभी फूल मालाएं डाली गई।

हरीश रावत के सोशल मीडिया अकाउंट से आज दिन भर लगभग 3 से 4 लाइव अब तक हरिद्वार लोकसभा के अलग-अलग जगह पर हो चुके हैं, जिन लाइव में देखा जा रहा है हरीश रावत सिर्फ एक चेहरा मात्र है, लेकिन वीरेंद्र रावत को हर जगह आगे किया जा रहा है।

तो इससे यह स्पष्ट हो चुका है कि हरिद्वार लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत नहीं बल्कि उनके पुत्र वीरेंद्र रावत होंगे, हालांकि आधिकारिक रूप से कांग्रेस की पुष्टि फिलहाल नहीं की गई है कांग्रेस जल्द ही हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत का टिकट फाइनल कर इसका ऐलान कर सकती है।

लेकिन उससे पूर्व ही जिस तरह का माहौल हरीश रावत द्वारा बनाया गया है यह तय है कि इस बार हरिद्वार लोकसभा में हरीश रावत चुनाव मैदान में नहीं होंगे और उनके पुत्र चुनाव लड़ेंगे।

हरीश रावत धीरे-धीरे राजनीति के अंतिम दौर में है पिछले विधानसभा चुनाव में वह अपनी बेटी अनुपमा रावत को चुनाव मैदान में उतार कर राजनीतिक प्रवेश दे चुके हैं और उनकी बेटी चुनाव भी जीती है।

अब पुत्र को राजनीति में लाकर वह अपने बच्चों को उत्तराखंड की राजनीति में सक्रियता देने के बाद जल्द ही संन्यास भी ले लेंगे।