![](https://tejkhabar24.com/wp-content/uploads/2022/05/InCollage_20220508_202524902.jpg)
उत्तराखंड में कल पिता को तो आज कांग्रेस के इस विधायक को लिया आनंद रावत ने निशाने पर, वो भी प्यार प्यार से….
देहरादून : हरीश रावत के बेटे आनंद रावत इन दिनों सोशल मीडिया एक्टिव हो गए हैं कल उन्होंने जहां अपने पिता को निशाने पर ले लिया था वही आज उन्होंने कांग्रेस के विधायक सुमित हृदेश को निशाने पर लिया है वह भी प्यार प्यार से मीलों का सफ़र पल में बर्बाद हुआ, अपनों का ये कहना, कहो, कैसे आना हुआ ?
कल मैंने राज्य के विकास पर चिन्तन रूपी पोस्ट लिखी, जिसपर राज्य के उम्मीद, आशा और भविष्य के नेताओं का उल्लेख किया, जिन्हें मैं follow करता हूँ । उनमें से विधायक हल्द्वानी श्री सुमित हृदेश जी ने मेरे लेख पर मुझे शुभकामनाएँ देते हुए कामना की, कि मेरा संघर्ष जारी रहे ?
मैं भाई सुमित जी को कहना चाहता हूँ, कि अब ये संघर्ष मेरा नहीं आपका होना चाहिए ? मैं आपका मतदाता और कार्यकर्ता दोनो हूँ ? मैंने आपको वोट इस उम्मीद में दिया की, जो सपना मेरा है अपनी हल्द्वानी और उत्तराखंड को लेकर, उसके लिए आप संघर्ष करे ?
मैंने आपको नगर निगम चुनाव में, mayor पद हेतु भी वोट दिया था, इस उम्मीद में, कि आप हल्द्वानी को स्वच्छता में इन्दौर की भाँति अन्तरराष्ट्रीय पटल पर चमकाएँगे, नागरिक सुविधा और निगम की आय बढ़ाएँगे ? चुनाव परिणाम आपके पक्ष में नहीं आए और आपने mayor के चुनाव का मैदान छोड़ दिया।
आज आप विधायक है,आपका विज़न पूरा उत्तराखंड होना चाहिए और कार्य की प्रयोगशाला पूरा हल्द्वानी। हल्द्वानी की रिंग रोड, बस अड्डा, पेयजल, स्टेडीयम, और जू आपके विधायकी का मुख्य बिंदू होना चाहिए। आपको अपना विज़न 2040 जनता के सामने रखना चाहिए, क्योंकि 2040 में हल्द्वानी की समस्या,प्रकृति, व प्रवर्ती बदल चुकी होगी, इसके अतिरिक्त आपका व्यक्तिगत प्रयास युवाओं में बढ़ती नशा प्रवर्ती को देखते हुए समय समय पर नशा उन्मूलन कार्यक्रम होने चाहिए ?
मैं एक सकरात्मक राजनीतिक कार्यकर्ता हूँ, युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद मैंने फ़्रेंच भाषा सीखी क्योंकि हमारे तराई व हरिद्वार का युवा फ़्रेंच भाषी देशों में नौकरी करने की तरफ़ आकर्षित हो रहा है, और जैसा मैंने 2012 में कल्पना की थी केरल राज्य ने 2015 से अपने राज्य में करना शुरू किया ?
मित्र, अपने व्यक्तित्व में भी शिक्षा का निरन्तर निखार रखिए, शेष सामाजिक संघर्ष में आपके पीछे रहूँगा ।