उत्तराखंड में अब सरकार की फाजिहत करवाने वाले मंत्रियो पर अभी तक कोई कार्यवाई नहीं केवल बैठकें, सीएम ने इन मंत्रियो क़ो दे दिया है अभय दान ?

देहरादून: प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में आज अफवाहों का बाज़ार गर्म है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मंत्रियों और संगठन के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक को एक दूसरे दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है और ये दृष्टिकोण मन्त्रीमण्डल में बदलाव के नज़रिए को लेकर भी है हालांकि जिस तरह से विधानसभा या अन्य भर्तियों से सरकार की फाजिहत करवाने वाले मंत्रियो पर कोई कार्यवाई अभी तक नहीं हुई हैं और लगातार बैठक पर बैठक हो रही हैं उससे लगने लगा हैं कि पार्टी आलाकमान और सीएम ने इन मंत्रियो क़ो अभय दान दे दिया हैं।

हालांकि बैठक में शामिल हुए प्रदेश के केबिनेट मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत में बैठक का मक़सद भी बताया है मंत्री प्रेमचन्द की मानें तो इस तरह की बैठकें होना आम है पहले भी कैलाश विजयवर्गीय के साथ बैठना हुआ था और आज इसी कड़ी में भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम और सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कई मुद्दों पर बातचीत हुई है।

दरअस्ल, ऐसी तमाम चर्चाएं हैं कि सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम , प्रदेश महामंत्री संगठन अजय कुमार, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट समेत मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, सतपाल महाराज, और सौरभ बहुगुणा से उत्तराखंड से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चाएं की हैं इनमें सबसे ख़ास मुद्दा केबिनेट विस्तार या फिर केबिनेट में होने जा रहे बड़े बदलाव को लेकर था हालांकि मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने इसको पार्टी की एक रूटीन बैठक बताया है जो कि समय समय पर मंत्रियों के कामों के फीडबैक जानने के लिए होती रहती है।

ग़ौरतलब है कि मुख्यमंत्री और मंत्री के साथ हुई बैठक में भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम ने भी अपना नज़रिया साफ़ किया है दुष्यंत कुमार गौतम की मानें तो सीएम और मंत्रियों के साथ हुई बैठक महज़ संगठन को और मज़बूत बनाने के उद्देश्य से की गई थी। भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने कहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपेक्षा पर खरे उतरे हैं और यह राज्य के लिए सुखद है। उन्होंने कहा कि धामी जैसे प्रभावशाली मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार प्रधानमंत्री मोदी जी के विजन को साकार करने मे जुटी है और निश्चित रूप से मोदी के सपने के अनुरूप ये दशक उत्तराखंड का होगा।