उत्तराखंड में सीएम धामी का बड़ा फैसला, अब भर्तियों में गड़बड़ी की जाँच क़ो लेकर लिया बड़ा फैसला, इन्हें लिखा पत्र…..
देहरादून: अपर मुख्य सचिव गृह ने लिखा महानिबंधक उच्च न्यायालय को पत्र। इन परीक्षाओं की जांच के लिए हाईकोर्ट में अनुरोध कर किसी न्यायाधीश से जांच कराने को लिखा पत्र।
(i) ग्राम पंचायत विकास अधिकारी परीक्षा विवेचना की कार्यवाही के दौरान 12 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर 09 अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप-पत्र प्रेषित किया जा चुका है तथा विवेचना प्रचलित है।
(ii) स्नातक स्तरीय परीक्षा :- विवेचना की कार्यवाही के दौरान 43 अभियुक्त गिरफ्तार रूपये 88,69,200.00 की नगदी व अन्य उपकरण, अभिलेख बरामद किये गये हैं। अब तक 42 के विरूद्ध आरोप पत्र प्रेषित किये गये हैं। पूरक विवेचना प्रचलित है। 24 अभियुक्तों के विरूद्ध गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही भी की गयी है।
(iii) सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा :- विवेचना की कार्यवाही के दौरान 01 अभियुक्त गिरफ्तार। 06 अभियुक्त पूर्व से कारागार में होने पर रिमाण्ड लिया गया। 01 अभियुक्त द्वारा स्टे लिया गया। सभी के विरूद्ध आरोप पत्र प्रेषित किये गये हैं। पूरक विवेचना प्रचलित है।
iv) वन दरोगा भर्ती परीक्षा विवेचना की कार्यवाही के दौरान 04 अभियुक्त गिरफ्तार किये गये हैं। 01 अभियुक्त के विरुद्ध आरोप पत्र प्रेषित किये गये हैं। शेष के विरूद्ध पूरक विवेचना प्रचलित है।
इसी प्रकार उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित निम्न परीक्षाओं में धांधली की विवेचना जनपद हरिद्वार में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में गठित एस०आई०टी० द्वारा सम्पादित की जा रही हैं :-
(i) पटवारी/लेखपाल भर्ती लिखित परीक्षा : विवेचना की कार्यवाही के दौरान 12 अभियुक्त गिरफ्तार किये गये हैं तथा रूपये 41.50 लाख नगदी व मोबाईल, पेपर आदि अभिलेख बरामद किये गये हैं। 06 अभियुक्तों के विरूद्ध
आरोप पत्र प्रेषित किया गया है। । 07 अभियुक्तों के विरूद्ध गैंगस्टर एक्ट का अभियोग भी पंजीकृत किया गया है।
(ii) ए०ई० / जे0ई0 भर्ती परीक्षा :- शासन के पत्र दिनांक 01.02.2023 में प्रदत्त निर्देशानुसार कार्यवाही वर्तमान में गतिमान है।
2- उल्लेखनीय है कि बेरोजगार संघ एवं अन्य संगठनों द्वारा परीक्षाओं में धांधली की जांच सी0बी0आई0 से कराये जाने की मांग के दृष्टिगत उपरोक्त समस्त परीक्षाओं की विवेचना नामित मा० न्यायाधीश, उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय, नैनीताल के निकट पर्यवेक्षण में कराये जाने का शासन स्तर पर सम्यक विचारोपरान्त निर्णय लिया गया है।