जयपुर: कोरोना संकट के बीच देशभर में लॉक डाउन किया गया है। इस दौरान कई गरीब परिवारों पर रोजी-रोटी तक का संकट उत्पन्न हो गया है। इसके लिए कई सामाजिक संगठन, नेता से लेकर आमजन तक मदद के लिए आगे आ रहे हैं। वहीं कई जगह इस दौरान फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी भी की जा रही है। जिसकी समाज के कई बुद्धिजीवी आलोचना भी कर रहे हैं जो गरीबों की इस मजबूरी को आत्मसम्मान से जोड़ कर देख रहे हैं।

वहीं इस बीच राजस्थान सरकार ने प्रदेश में राशन सामग्री एवं भोजन वितरण के दौरान किसी तरह की वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी बैन कर दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राशन सामग्री एवं भोजन वितरण राजनीति से परे होकर सेवा भाव के साथ किया जाए। इसे प्रचार और प्रतिस्पर्धा का माध्यम नहीं बनाया जाए।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि, सरकार का यह संकल्प है कि प्रदेश में कोई व्यक्ति भूखा नहीं सोए, लेकिन साथ ही हम सबकी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वास्तविक जरूरतमंदों को ही इसका लाभ मिलना सुनिश्चित हो। उन्होंने अपील की है की, जो व्यक्ति सक्षम हैं, वे वास्तविक जरूरतमंद के हिस्से का अनुचित लाभ नहीं लें। सूखी राशन सामग्री एवं पके हुए भोजन के पैकेट पर पहला हक उन निराश्रित, बेसहारा तथा जरूरतमंद लोगों का है, जो संकट की इस घड़ी में पूरी तरह सरकार एवं जनसहयोग पर आश्रित हो गए हैं। साथ ही उन्होंने जिला कलेक्टरों को इस कार्य के लिए स्वयंसेवी संगठनों को निरन्तर प्रोत्साहित करने के निर्देश दिये। साथ ही भोजन वितरण को लेकर आने वाली समस्याओं का निराकरण का भी निर्देश दिया।