उत्तराखंड में अब स्क्रूटनी के लिए आवेदन करने वाले कापियों का दोबारा नहीं होगा मूल्यांकन…..

देहरादून: उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षा के बाद स्कूटनी के लिए आवेदन कर रहे अभ्यर्थियों की कापी का दोबारा मूल्यांकन नहीं होगा। उत्तराखंड बोर्ड ने साफ किया है की स्क्रूटनी का मतलब कापी का दोबारा मूल्यांकन नहीं है।उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षा के बाद स्क्रूटनी के लिए आवेदन कर रहे अभ्यर्थियों की कापी का दोबारा मूल्यांकन नहीं होगा। उत्तराखंड बोर्ड ने साफ किया है की स्क्रूटनी का मतलब कापी का दोबाटा मूल्यांकन नहीं है।

छह जून को हाईस्कूल व इंटर का रिजल्ट घोषित हुआ। जो अभ्यर्थी असफल हो जाते हैं या फिर •नम्बरों से संतुष्ट नहीं होने वाले अभ्यर्थियों को उत्तराखंड बोर्ड कापी की स्क्रूटनी कराने का मौका देती है। इसके लिए 30 जून तक आवेदन भेजने की तिथि तय है। ऐसे में अभ्यर्थियों में धारणा होती है कि स्क्रूटनी में कापी की नए सिरे से मूल्यांकन कराकर उनके नम्बर बढ़ सकते हैं। लेकिन ऐसा

बोर्ड ने साफ किया है कि कापी दोबारा नहीं जांची जाएगी। केवल स्क्रूटनी कार्य में यह देखा जाएगा कि अभ्यर्थी की कापी में भीतर प्रश्नों में दिये गए अंकों का योग गलत तो नहीं है। इसके अलावा परीक्षक के जांचने से कोई प्रश्न छूट तो नहीं गया या फिट भीतर लिखे अंक व बाहर मुख्य पेज में अंकित किए गए कुल अंकों में भिन्नता तो नहीं

इसके अलावा यदि किसी अभ्यर्थी की कापी में प्रश्न के सही उत्तर पर शून्य अंक दिए गए हैं तो उस प्रश्न का विषय विशेषज्ञ से दोबारा मूल्यांकन कराया जाएगा। उत्तराखंड बोर्ड के उपसचिव सीपी रतूड़ी ने बताया कि छह माह के भीतर स्क्रूटनी के लिए आवेदन करना होता है।
छह माह तक बोर्ड कार्यालय में कापी रखी रहती

है। इसके बाद मिलने वाले स्क्रूटनी के आवेदनों पर विचार नहीं होगा। स्क्रूटनी के दौरान परीक्षकों की समिति बनाई जाती है, जो स्क्रूटनी कार्य करते हैं।

पिछले साल वर्ष 2020 में हाईस्कूल में 1718 व इंटर में 1633 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया था। परिषद कार्यालय में हुई स्कूटनी के दौरान हाईस्कूल के 13 व इंटर के 19 छात्रों के नंबरों में परिवर्तन हुआ।