उत्तराखंड में अब चार धाम को लेकर बड़े आदेश जारी, चारो धामों मे केवल इतने श्रद्धालु जा सकेंगे एक दिन में…..
देहरादूनः उपर्युक्त विषयक अवगत कराना है कि उत्तराखण्ड चार धाम यात्रा सीजन आगामी माह के प्रथम सप्ताह से प्रारम्भ होने एवं विगत 02 वर्षों से कोविड काल के कारण चार धाम यात्रा बाधित रहने के पश्चात् इस वर्ष प्रारम्भ हो रहे यात्रा सीजन में उत्तराखण्ड के चारों धामों में तीर्थ यात्रियों / श्रद्धालुओं के अधिकाधिक संख्या में आने की सम्भावना को दृष्टिगत रखते हुए तीर्थ यात्रियों / श्रद्धालुओं को परिवहन, ठहरने की व्यवस्था, भोजन, पार्किंग एवं उत्तराखण्ड की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों एवं मंदिर / धामों में श्रद्धालुओं की दर्शन क्षमता तथा मंदिर परिसर की क्षमता के सम्बन्ध में दिनांक 29.04.2022 को मुख्य सचिव महोदय की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में लिये गये निर्णय के क्रम में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि दिनांक 03 मई 2022 से प्रारम्भ हो रहे चार धाम यात्रा के लिये यात्रा सीजन के प्रथम 45 दिनों के लिये श्री गंगोत्री श्री यमुनोत्री श्री केदारनाथ एवं श्री बद्रीनाथ में तीर्थ यात्रियों / श्रद्वालुओं को दर्शन करने की सुविधा के दृष्टिगत प्रतिदिन इन मंदिर / धामों में दर्शन के लिये आने वाले तीर्थ यात्रियों / श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या को निम्नानुसार निर्धारित किया जाता है:
मंदिर / धाम
तीर्थ यात्री / श्रद्धालुओं की प्रतिदिन दर्शन हेतु निर्धारित अधिकतम संख्या
श्री बद्रीनाथ- 15000
श्री केदारनाथ- 12000
श्री गंगोत्री- 7000
श्री यमुनोत्री- 4000
उपरोक्त के अतिरिक्त मुझे यह भी कहने का निदेश हुआ है कि:
(i) चार धाम यात्रा सीजन के दौरान उत्तराखण्ड में आने वाले तीर्थ यात्रियों/ श्रद्धालुओं की जान-माल की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए चार धाम यात्रा मार्गों पर रात्रि 10:00 बजे से प्रातः 4:00 बजे तक वाहनों का यातायात / आवागमन प्रतिबन्धित रहेगा।
(ii) चार धाम यात्रा में आने वाले तीर्थ यात्रियों / श्रद्धालुओं हेतु पर्यटन विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया जाना अनिवार्य होगा।
(iii) चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर निर्गत कोविङ प्रोटोकॉल का
अनुपालन किया जाना अनिवार्य होगा।
(iv) उत्तराखण्ड चार धाम यात्रा के सम्बन्ध में समय-समय पर शासन द्वारा लिये गये / लिये जाने वाले निर्णयों का व्यापक प्रचार प्रसार पर्यटन / सूचना विभाग के द्वारा किया जायेगा।
उपरोक्तानुसार समुचित कार्यवाही करने का कष्ट करें।