उत्तराखंड में UPCL की कारस्‍तानी: उपभोक्‍ताओं को एक माह में दो बार भेजा बिजली का बिल, अब अधिकारियों की खैर नहीं……..

देहरादून: यूपीसीएल के बिलिंग सिस्टम में गड़बड़ियों से उपभोक्ता परेशान हैं। कई उपभोक्ताओं को एक महीने में दो-दो बिजली बिल भेजे जा रहे हैं। इससे उपभोक्ताओं को ऊर्जा निगम कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। उपभोक्ताओं ने निगम के अधिकारियों के घेराव की चेतावनी दी है। बिलिंग का जिम्मा संभाल रही कंपनी पर ऊर्जा निगम की ओर से कोई कार्रवाई न होने पर उन्होंने सवाल उठाए हैं।

ऊर्जा निगम के बिलिंग सिस्टम पर उपभोक्ता सवाल उठा रहे हैं। कई उपभोक्ताओं को गलत बिल दिए जा रहे हैं, जिसे ठीक कराने के लिए उन्हें ऊर्जा निगम कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

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किसी उपभोक्ता को एक माह के भीतर दो-दो बिल थमाए जा रहे हैं। इसका कड़ा विरोध करते हुए उपभोक्ताओं ने निगम के अधिकारियों के घेराव की चेतावनी दी है।

आरकेडिया की पूर्व उप प्रधान व भाजपा नेता गीता बिष्ट ने कहा कि ऊर्जा निगम के अधिकारी मौके पर ही आनलाइन बिल उपलब्ध कराने का दावा कर रहे हैं, लेकिन इसमें कई गड़बड़ियां हैं। बताया कि क्षेत्र के कुछ उपभोक्ताओं को 20 अक्टूबर से लेकर 21 नवंबर तक का बिल भेजा गया। जोकि उन्होंने जमा भी करा दिया।

इसके बाद 25 नवंबर को उपभोक्ता को फिर एक 20 अक्टूबर से लेकर 25 नवंबर तक का बिल उपलब्ध करा दिया गया। इस बिजली के बिल पर उपभोक्ताओं ने भारी रोष प्रकट किया है। एक ही माह के दो बिजली बिल देने पर उपभोक्ताओं ने ऊर्जा निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।

फिक्स चार्ज के नाम पर भी उपभोक्ता से वसूली
गीता बिष्ट ने कहा कि फिक्स चार्ज के नाम पर भी उपभोक्ता से वसूली की जा रही है और अगर उपभोक्ता ध्यान न दें तो उनके दो बार बिल वसूले जा रहे हैं। बिलिंग का जिम्मा संभाल रही कंपनी पर ऊर्जा निगम की ओर से कोई कार्रवाई न होने पर उन्होंने सवाल उठाए हैं।

इस संबंध में ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक को भी ज्ञापन दिया जा चुका है। अधिशासी अभियंता अरविंद कुमार ने शिकायत मिलने पर कंपनी से जवाब मांगा है और गलती को तत्काल ठीक करने के निर्देश दिए हैं।

एक ही नाम से पानी के तीन बिल देने का भी आरोप
आरकेडिया क्षेत्र में पेयजल उपभोक्ता भी परेशान हैं। कई उपभोक्ताओं को एक ही नाम से दो या तीन बिल भेजे जाने का भी आरोप है। जिससे उपभोक्ताओं को कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं और मानसिक व आर्थिक कष्ट झेलना पड़ रहा है। इस संबंध में पेयजल निगम के महाप्रबंधक को ज्ञापन देकर अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की जाएगी।