उत्तराखंड मे गजब हाल यशपाल तोमर के साथ यूपी पुलिस ने इन आईएएस और आईपीएस के रिश्तेदारों को बनाया गया सह अभियुक्त, सरकार इस अधिकारियो और माफिया के गठजोड़ पर करो कार्यवाई…..

 

 

देहरादून : उत्तराखंड से आज की सबसे बड़ी खबर ग्रेटर नोएडा पुलिस ने गैंगस्टर यशपाल तोमर के साथ जिन आठ लोगों को सहअभियुक्त बनाया है उसमें सूत्र बताते हैं कि उत्तराखंड कैडर के आईएएस के ससुर, एक दूसरे आईएएस के पिता और एक आईपीएस की मां का जिक्र आया हैं

बड़ा सवाल उठता हैं कैसे गरीबो को धमका कर यशपाल तोमर जैसा गैंगस्टर जमीन कब्ज़ाता था और उसे रसूखदारों के नाम कराता था अब ये जमीने आईएएस और आईपीएस के रिश्तेदारों को बेचीं गई या गिफ्ट मे दी गई ये जाँच का विषय हैं लेकिन ये तो साफ हो गया की इस मामले मे पुलिस ने इस मामले मे जुड़े सबको सह अभियुक्त बना दिया हैं।

बड़ा सवाल ये उठता हैं कि क्या परिवार के ये तमाम लोग यशपाल तोमर के साथ संलिप्त थे या फिर आईएएस और आईपीएस अधिकारी।

साफ हैं इस मामले से साफ हो जाता हैं कि उत्तराखंड मे कैसे नौकरशाही और माफियाओ का गठजोड़ बना हुआ हैं बड़ा सवाल ये उठता हैं कि क्या सीएम धामी इस आईएएस और आईपीएस अधिकारियो पर कार्यवाई करेंगे या फिर प्रदेश मे आईएएस और आईपीएस अधिकारियो का ऐसे ही गठजोड़ माफियाओ के साथ चलता रहेगा

साफ हैं जिस तरह से यशपाल तोमर के खिलाफ उत्तराखंड और यूपी सरकार ने मोर्चा खोला हैं ऐसे मे क्या जल्द इन अधिकारियो की सच्चाई भी सबके सामने आएगी

उत्तराखंड के दो वरिष्ठ आईएएस और एक आईपीएस अफसर के सगे-संबंधियों पर जमीन खरीद फरोख्त में फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज हुआ है। ग्रेटर नोएडा पुलिस ने शनिवार को यह मुकदमा दर्ज किया है। इसमें मुख्य आरोपी गैंगस्टर यशपाल तोमर है, जिसके खिलाफ उत्तराखंड में भी जमीनों के जबरन खरीद और फर्जीवाड़े के कई मुकदमे दर्ज हैं। आरोपियों में एक आईएएस अफसर का ससुर, एक आईएएस के पिता और आईपीएस की मां नामजद है। इस एफआईआर के बाद उत्तराखंड की नौकरशाही में भूचाल आ गया है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री को इस मामले से अपडेट कर दिया गया है।

ताजा एफआईआर में भू माफिया यशपाल का बनाया सहयोगी।
मामला अनुसूचित जाति के जमीनों की अवैध खरीद से जुड़ा है और गैंगस्टर यशपाल तोमर पर सीधी कार्रवाई की जानी हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय को अवगत करवाने के बाद मामले में रविवार को एक नई एफआईआर दर्ज हुई है। इस एफआईआर में यशपाल तोमर के चिटहेरा गांव भू घोटाले में अब इन सभी को सहयोगी बना दिया है। त्रिदेव पिता का पितंबार, कर्मवीर पिता का प्यारे लाल, बैलु पिता का नाम राम स्वरूप, कृष्ण पाल पिता का नाम छोटे, एम भास्करन पिता का नाम मनी अय्यम पिल्लई, केएम संत ऊर्फ खचरेमल पिता का रेवती प्रसाद, गिरीश वर्मा पिता का नाम राम प्रसाद वर्मा और सरस्वति देवी पति राम स्वरूप राम।

तीनों नौकरशाह हरिद्वार में रहे हैं पोस्टेड
जिन तीनों नौकरशाहों के परिजनों के खिलाफ ग्रेटर नोएडा पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है वह अलग अलग समय में हरिद्वार में बतौर डीएम और एसएसपी तैनात रहे हैं। गैंगस्टर यशपाल तोमर का हरिद्वार में जमीनों की खरीद फरोख्त का खासा कारोबार था। माना जा रहा है कि इस दौरान ही यशपाल तोमर ने इन नौकरशाहों के परिवारजनों के लिए जमीनों की खरीद फरोख्त का काम किया। ग्रेटर नोएडा में पट्टों को औने पौने दाम पर नौकरशाहों के परिवारजनों को बेचा गया।

ग्रेटर नोएडा के चिटहेरा गांव भूमि घोटाले में हुए नामजद।
मामला उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के चिटहेरा गांव का है। गांव में पट्टों की जमीन के क्रय-विक्रय में नियमों को ताक पर रखा गया था। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) वंदिता श्रीवास्तव की जांच में इसका खुलासा हुआ है। जांच के आधार पर चिटहेरा गांव के लेखपाल शीतला प्रसाद ने भूमाफिया यशपाल तोमर समेत कुल नौ लोगों के खिलाफ शनिवार को दादरी कोतवाली में मामला दर्ज कराया। मामले में नामजद तीन लोग उत्तराखंड के तीन नौकरशाहों के परिवार से हैं। यह जमीने लंबा अरसे पहले खरीदी गई हैं। पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि यशपाल तोमर इन नौकरशाहों के संपर्क में कैसे आया। चूंकि जमीनें नौकरशाहों के नाम नहीं बल्कि परिवार के सदस्यों के नाम पर हैं, ऐसे में परिवारजन ही बताएंगे कि वह यशपाल के संपर्क में कैसे आए।

पश्चिमी यूपी के रहने वाले भू माफिया यशपाल तोमर के खिलाफ हरिद्वार के कनखल, ज्वालापुर एवं शहर कोतवाली में 13 मई 2022 को चार अलग-अलग मुकदमें दर्ज हैं। कनखल में कांग्रेसी नेता तोष जैन के घर में घुसकर हत्या की धमकी देने के संबंध में मुकदमा दर्ज कराया है। ज्वालापुर में दिल्ली के प्रॉपर्टी डीलर भरत चावला ने रंगदारी एवं जबरन भूमि कब्जाने समेत प्रभावी धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया हुआ है। इसके बाद एसटीएफ ने गैंगस्टर ऐक्ट का मुकदमा दर्ज किया था। गैंगस्टर ऐक्ट के मुकदमे के चलते ही उसकी 153 करोड़ की भूमि एसटीएफ कुर्क कर चुकी है और चौथा मुकदमा शहर कोतवाली में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट को गुमराह कर चौपहिया वाहन रिलीज कराने के संबंध में एसटीएफ ने दर्ज कराया था।