उत्तराखंड और हिमाचल मे क्यों आ रही बार बार आपदा ये माना जा रहा कारण….

देहरादून: हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में क्यों हो रही आफत की बारिश, जानें- इसकी वजह हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से आई आपदा में कई लोगों की मौतें हुई हैं। हिमाचल प्रदेश के सोलन में बादल फटने और शिमला में मंदिर के ढह जाने से वहां 48 घंटे के अंदर 21 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। शिमला में एक मंदिर के ढह जाने से 15 लोगों की मौत हो गई है। मलबे से अब तक नौ शव निकाले जा चुके हैं।

अभी भी मलबे में करीब 25 लोगों के दबे होने की आशंका है। दोनों पहाड़ी राज्यों में पिछले 48 घंटों से खूब बारिश हो रही है।इस बीच मौसम विभाग ने उत्तराखंड के लिए रेड अलर्ट जारी किया है और कहा है कि आज राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी से भारी बारिश हो सकती है। IMD के मुताबिक 204 मिलीमीटर से भी ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की जा सकती है। उधर, हिमाचल प्रदेश में भी पिछले 24 घंटों में भारी बारिश रिकॉर्ड की गई है। राज्य के करीब दर्जन भर जिलों में 100 से 200 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।

मौसम कार्यालय ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में दो तंत्र काम कर रहे हैं। पहला तो एक पश्चिमी विक्षोभ वहां सक्रिय है। इसके अलावा इस वक्त मानसून ट्रफ की लोकेशन हिमालय की तलहटी में है और दक्षिण-पश्चिमी अरब सागर की मानसूनी हवाएं हिमालय की तलहटी से टकरा रही हैं। इन वजहों से वहां खूब बारिश हो रही है। पश्चिमी विक्षोभ एक तूफान है जो भूमध्य सागर में उत्पन्न होता है और भारतीय उपमहाद्वीप के पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश लाता है।

भारी बारिश और भूस्खलन को देखते हुए उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को 14 और 15 अगस्त के लिए स्थगित कर दिया गया है, वहीं हिमाचल प्रदेश में स्कूलों-कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दिया गया है। मौसम विभाग ने कहा है कि हिमाचल के 13 जिलों में अगले 24 घंटों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। उत्तराखंड में जारी भारी बारिश की वजह से रुद्रप्रयाग, पौड़ी गढ़वाल समेत कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है।

उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों पर जारी बारिश के बीच मौसम विभाग ने उत्तराखंड के छह जिलों के लिये रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने रेड अलर्ट के दौरान कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश तथा गर्जन के साथ बारिश के तीव्र से अति तीव्र दौर की चेतावनी दी है।

विभाग की चेतावनी के मद्देनजर सरकार ने संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों एवं राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) को 24 घंटे अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया है ताकि किसी आपदा की स्थिति में तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर लोगों को मदद पहुंचाई जा सके।