उत्तराखंड में नर्सिंग अभ्यर्थी को पुलिसकर्मी द्वारा थप्पड़, शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर बल प्रयोग से प्रदेश में उबाल……..
देहरादून: उत्तराखंड में नर्सिंग भर्ती की मांग को लेकर हो रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान एक महिला अभ्यर्थी को पुलिसकर्मी द्वारा थप्पड़ मारे जाने की घटना ने पूरे राज्य को विचलित कर दिया है। वायरल वीडियो सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियों के व्यवहार पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। फुटेज में देखा गया कि अपनी मांगों को शांतिपूर्वक रख रही महिला अभ्यर्थियों और युवाओं के साथ पुलिस का रवैया आक्रामक था, जिसके बाद यह मुद्दा राज्यभर में चर्चा का विषय बन गया।
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि वे सिर्फ लंबे समय से लंबित नर्सिंग भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे थे, लेकिन विरोध के दौरान पुलिस ने धक्का-मुक्की की और एक महिला उम्मीदवार को थप्पड़ मार दिया। युवा सवाल उठा रहे हैं कि सरकारी नौकरी की मांग करना कब से अपराध बन गया?
राज्य में भर्ती परीक्षाओं में देरी, पेपर लीक और अनियमितताओं के कारण पहले से ही युवा निराश हैं। ऐसे में शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर बल प्रयोग की तस्वीरें सामने आने से व्यवस्था की संवेदनशीलता और जवाबदेही को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने यह भी दावा किया कि पिछले कुछ महीनों में पुलिस के कई विवादित मामलों के बाद यह घटना एक बार फिर वही स्थिति दोहरा रही है।
अभ्यर्थियों ने यह पूछा कि किसके निर्देश पर बेरोज़गार युवाओं, विशेषकर युवतियों, पर इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है। उनका कहना है कि राज्य सरकार उनकी बात सुनने के बजाय आवाज़ को दबाने की ओर बढ़ रही है।
घटना पर सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि यदि सरकार भर्ती समय पर पूरी करने में असमर्थ है, तो कम से कम युवाओं की गरिमा और उनके संवैधानिक अधिकारों का सम्मान होना चाहिए। नौकरी मांगना किसी भी स्थिति में गलत नहीं, बल्कि हर नागरिक का वैध अधिकार है।


