उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्याकांड पर अब नहीं होगी बचाव पक्ष की जिरह, 6 को दर्ज होंगे अभियुक्तों के बयान………

देहरादून: अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में अब तक एसआईटी के विवेचना अधिकारी समेत 47 गवाह अदालत में पेश किए जा चुके हैं। 47वें गवाह विवेचना अधिकारी इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह खोलिया अंतिम गवाह है।

अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे) ने बीते जुलाई माह से चल रहे एसआईटी के विवेचक की जिरह को समाप्त कर दिया है। अब 6 दिसंबर को अभियुक्तों के बयान दर्ज किए जाएंगे। अदालत ने आदेश अभियोजन पक्ष के प्रार्थनापत्र पर दिए हैं।

उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड मामले की एसआईटी जांच के बाद कोटद्वार की एडीजे कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में अब तक एसआईटी के विवेचना अधिकारी समेत 47 गवाह अदालत में पेश किए जा चुके हैं। 47वें गवाह विवेचना अधिकारी इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह खोलिया अंतिम गवाह है।

बचाव पक्ष की जिरह समाप्त करने का आदेश।
अभियोजन पक्ष की ओर से दिए गए प्रार्थनापत्र में कहा गया कि विवेचक का परीक्षण 5 जुलाई से लगातार जारी है। पहली पांच तिथियों पर अभियोजन की गवाही चली। इसके बाद 23 अगस्त से बचाव पक्ष के अधिवक्ता की ओर से प्रति परीक्षा (जिरह) का सिलसिला चला।

अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि बचाव पक्ष की जिरह को अब समाप्त किया जाना उचित रहेगा। इससे वाद के निस्तारण में अधिक समय लग रहा है। अदालत की ओर से जिरह पूर्ण करने के संबंध में 25 नवंबर को भी आदेश पारित किया जा चुका है। जिस पर अदालत ने बचाव पक्ष की जिरह समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार अब 6 दिसंबर को अभियुक्तों के बयान दर्ज किए जाएंगे।