आइये जानते है रागी का देसी नाम क्या है, रागी की रोटी कब खानी चाहिए, बाजरा और रागी में क्या अंतर है और रागी की तासीर……
देहरादून: रागी का देसी नाम क्या है और इसे खाने के क्या फायदे हैं भारत में मोटा अनाज हमेशा से हमारी डाइट का हिस्सा रहे हैं, और इनमें रागी सबसे खास है. पर आज भी बहुत से लोग रागी क्या है या इसका सही इस्तेमाल नहीं जानते. आइए, बाजरा और रागी में अंतर समझते हुए, रागी गर्म है या ठंडा और रागी की रोटी खाने का सही समय क्या है, इस पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
रागी, जिसे हम अक्सर अपने बड़े-बुजुर्गों से सुनते हैं, एक कमाल का अनाज है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रागी को देसी भाषा में और क्या-क्या कहते हैं? और यह हमारी सेहत के लिए इतनी खास क्यों है? आइए, रागी के बारे में सब कुछ एकदम आसान भाषा में जानते हैं।
रागी का देसी नाम क्या है और इसे खाने के क्या फायदे हैं? भारत में मोटा अनाज हमेशा से हमारी डाइट का हिस्सा रहे हैं, और इनमें रागी सबसे खास है। पर आज भी बहुत से लोग रागी क्या है या इसका सही इस्तेमाल नहीं जानते। आइए, बाजरा और रागी में अंतर समझते हुए, रागी गर्म है या ठंडा और रागी की रोटी खाने का सही समय क्या है, इस पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
रागी का देसी नाम, फायदे और खाने का सही समय।
रागी के जबरदस्त रागी के फायदे
रागी क्या है, यह जानने के बाद, अब इसके फायदों को जानना जरूरी है. रागी को ‘पोषक तत्वों का पावरहाउस’ कहा जाता है।
कैल्शियम का खजाना: रागी किसी भी अन्य अनाज की तुलना में सबसे ज्यादा कैल्शियम देती है. यह हमारी हड्डियों को मजबूत बनाने और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी से बचाने के लिए शानदार है।
वजन कम करने में सहायक: इसमें फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. हाई फाइबर कंटेंट के कारण यह धीरे-धीरे पचता है, जिससे आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगती. यह वजन कम करने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए एक परफेक्ट डाइट है।
डायबिटीज कंट्रोल: रागी में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका मतलब है कि यह खून में शुगर को धीरे-धीरे रिलीज करती है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है।
एनीमिया से बचाव: इसमें आयरन भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो खून की कमी (एनीमिया) को दूर करने में मदद करता है।
रागी की रोटी खाने का सही समय
लोग अक्सर पूछते हैं कि रागी की रोटी कब खानी चाहिए. रागी की रोटी खाने का सही समय मुख्य रूप से सुबह का नाश्ता और दोपहर का भोजन है।
सुबह का नाश्ता: चूंकि रागी धीरे-धीरे ऊर्जा देती है, इसलिए इसे नाश्ते में खाने से आप पूरे दिन ऊर्जावान महसूस करेंगे और आपको बार-बार हल्की-फुल्की भूख नहीं लगेगी।
दोपहर का भोजन: लंच में इसका सेवन करने से आपका पाचन तंत्र मजबूत रहता है और शाम तक आप थकावट महसूस नहीं करते।
रात का भोजन: इसे रात में भी खाया जा सकता है, लेकिन अगर आपका पाचन धीमा है, तो इसे कम मात्रा में और जल्दी खाएं क्योंकि यह पचने में थोड़ा समय लेती है।
बाजरे की रोटी खाने से कौन सी बीमारी ठीक होती है ?
बाजरा और रागी में अंतर
हालांकि बाजरा और रागी दोनों ही मोटे अनाज हैं, लेकिन पोषण के मामले में इनमें बड़ा अंतर है. बाजरा और रागी में अंतर जानना जरूरी है ताकि आप अपनी जरूरत के हिसाब से सही चुनाव कर सकें।
कैल्शियम: रागी कैल्शियम में बहुत ज्यादा आगे है, जो इसे हड्डियों के लिए बेहतरीन बनाता है।
आयरन: बाजरा में रागी की तुलना में थोड़ा ज्यादा आयरन और प्रोटीन होता है, जो इसे खून बढ़ाने के लिए बेहतर बनाता है.
उपयोग: रागी को अक्सर माल्ट, दलिया या शिशु आहार के रूप में भी उपयोग किया जाता है, जबकि बाजरा की रोटी और खिचड़ी ज्यादा लोकप्रिय है।
संक्षेप में, अगर आपको कैल्शियम की कमी दूर करनी है, तो रागी खाएं. अगर आपको आयरन और प्रोटीन ज्यादा चाहिए, तो बाजरा बेहतर है।
रागी गर्म है या ठंडी ?
यह एक आम सवाल है: रागी गर्म है या ठंडा ? आयुर्वेद के अनुसार, रागी की तासीर ठंडी मानी जाती है।
ठंडी प्रकृति: यही कारण है कि इसे गर्मियों में या गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों में खूब खाया जाता है। यह शरीर को अंदर से ठंडा रखने में मदद करती है और पित्त दोष को शांत करती है।
भ्रम: कुछ लोग रागी को गर्म मानते हैं क्योंकि यह पचने में समय लेती है और ऊर्जा देती है, लेकिन इसकी ओवरऑल प्रकृति और प्रभाव ठंडा होता है। इसलिए आप साल भर रागी का सेवन कर सकते हैं।
निष्कर्ष यह है कि रागी जिसे मंडुआ अनाज भी कहते हैं, हमारी सेहत के लिए एक वरदान है। रागी के फायदे अनगिनत हैं और रागी की रोटी खाने का सही समय खासकर नाश्ता और दोपहर का खाना है। इसे अपनी डाइट में शामिल करें और कैल्शियम और फाइबर से भरपूर इस सुपरफूड का लाभ उठाएं।


