उत्तराखंड में तो ये हैं यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के उत्तराखंड में खास नेता… पूर्व सीएम त्रिवेंद्र-कैबिनेट मंत्री धन सिंह साये की तरह बने रहे साथ…..
देहरादून : तीन दिन से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ उत्तराखंड मे हैँ और इन तीन दिनों मे साफ हो गया उत्तराखंड मे योगी आदित्यनाथ के करीबी कौन हैँ जी हा योगी आदित्यनाथ के करीबी हैँ त्रिवेंद्र सिंह रावत और धन सिंह रावत जी हा दोनों खुललम खुल्ला योगी के साथ दिखाई दिए तो योगी ने भी जमकर दोनों की तारीफ की महाविद्यालय का सरकारी करण हो या फिर योगी के गुरु की मूर्ति लगाना योगी ने इसका श्रेय दोनों को दिया।
भाजपा में खासे प्रभावशाली बन चुके योगी आदित्यनाथ के पैतृक गांव पंचूर के दौरे में उत्तराखंड भाजपा में उनके करीबी लोगों की भी पहचान स्पष्ट होती रही। इसमें पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के नाम शामिल हैं। मंगलवार को बिध्याणी में समारोह की समाप्ति के बाद जब योगी ने पंचूर का रुख किया तो उनके साथ त्रिवेंद्र सिंह रावत, धन सिंह रावत के साथ ही पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज भी थे।
लेकिन महाराज और तीरथ बाद में वहां से विदा ले गए, जबकि त्रिवेंद्र और धन सिंह उनके साथ ही बने रहे। दोनों नेता बुधवार को भी पंचूर में जमे रहे। बुधवार सुबह डॉ. धन सिंह रावत थोड़ी देर के लिए पंचूर से पोखरी तक भी गए, लेकिन त्रिवेंद्र लगातार योगी के साथ ही बने रहे। इसके साथ ही यमकेश्वर की विधायक रेनू बिष्ट भी दोनों ही दिन पंचूर में रही।
रेनू ने योगी के भतीजे को अपने हाथ से बांद भी दिए, इस दौरान योगी भी वहीं पर खड़े नजर आए। वहीं बुधवार को दोपहर बाद वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने भी पंचूर पहुंच कर योगी से भेंट की। इसके अलावा मंगलवार को उत्तराखंड सरकार या भाजपा संगठन का कोई बड़ा नाम पंचूर में नजर नहीं आया।
गौरतलब है कि मंगलवार को बिथ्याणी डिग्री कॉलेज में हुए योगी के संबोधन में भी त्रिवेंद्र रावत और डॉ. धन सिंह रावत के लिए विशेष आत्मीयता नजर आई थी। इससे पहले, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पहाड़ का पानी और जवानी कभी यहां के काम नहीं आई, उत्तराखंड को खुशहाल बनाने के लिए इन्हे पहाड़ पर ही रोकना होगा। उन्होंने इस दिशा में बाबा • रामदेव किए जा रहे कार्यों की भी सराहना की।
धवार शाम को पंचूर से करीब 15 किमी दूर यमकेश्वर ब्लॉक में ही पोखरी गांव में बने पंतजलि वेलनेस के योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के इंटीग्रेटेड थेरेपी सेंटर वेदालाइफ निरामयम का उद्घाटन करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तराखंड में प्रकृति ने बहुत कुछ दिया है, लेकिन यहां के प्राकृतिक और मानव संसाधन को सही तरीक से इस्तेमाल करना होगा।
उन्होंने पोखरी का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले यहां कुछ नहीं था, अब स्वामी रामदेव ने हजारों पौधे लगाकर इसका विकास किया है। इस तरह के प्रयास अन्य संस्थाओं को भी करने होंगे। इसके बाद उन्होंने पंतजलि वेलनेस में उगाई जा रही वनस्पतियों के बारे में आचार्य बालकृष्ण से जानकारी ली। इससे पहले यहां पहुंचने पर स्वामी रामदेव ने उनका स्वागत किया।
जहां उन्होंने यहां उगाए जा रहे औषधीय फल और पौधों के बारे में जाना। उन्हें बताया गया कि योगग्राम में स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के साथ आसपास के गांव के ग्रामीणों को औषधीय पौधे लगाने को प्रेरित किया जा रहा है। करीब एक घंटे योगग्राम में बिताने के बाद वह अपने गांव पंचूर के लिये निकल गये। इस मौके पर स्वामी चिदानंद मुनि भी उपस्थित हुए।
भाजपा में खासे प्रभावशाली बन चुके योगी आदित्यनाथ के पैतृक गांव पंचूर के दौरे में उत्तराखंड भाजपा में उनके करीबी लोगों की भी पहचान स्पष्ट होती रही। इसमें पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के नाम शामिल हैं। मंगलवार को बिध्याणी में समारोह की समाप्ति के बाद जब योगी ने पंचूर का रुख किया तो उनके साथ त्रिवेंद्र सिंह रावत, धन सिंह रावत के साथ ही पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज भी थे।
लेकिन महाराज और तीरथ बाद में वहां से विदा ले गए, जबकि त्रिवेंद्र और धन सिंह उनके साथ ही बने रहे। दोनों नेता बुधवार को भी पंचूर में जमे रहे। बुधवार सुबह डॉ. धन सिंह रावत थोड़ी देर के लिए पंचूर से पोखरी तक भी गए, लेकिन त्रिवेंद्र लगातार योगी के साथ ही बने रहे। इसके साथ ही यमकेश्वर की विधायक रेनू बिष्ट भी दोनों ही दिन पंचूर में रही।
रेनू ने योगी के भतीजे को अपने हाथ से बांद भी दिए, इस दौरान योगी भी वहीं पर खड़े नजर आए। वहीं बुधवार को दोपहर बाद वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने भी पंचूर पहुंच कर योगी से भेंट की। इसके अलावा मंगलवार को उत्तराखंड सरकार या भाजपा संगठन का कोई बड़ा नाम पंचूर में नजर नहीं आया।गौरतलब है कि मंगलवार को बिथ्याणी डिग्री कॉलेज में हुए योगी के संबोधन में भी त्रिवेंद्र रावत और डॉ. धन सिंह रावत के लिए विशेष आत्मीयता नजर आई थी।