उत्तराखंड में निकायों के आरक्षण बिल को लेकर विधानसभा की प्रवर सामिति का गठन, इन्हें किया गया शामिल…….

देहरादून: उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) संशोधन विधेयक के लिए विधानसभा ने प्रवर समिति गठित कर अधिसूचना जारी कर दी है। शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को समिति का सभापति बनाया गया है। जबकि पक्ष-विपक्ष के छह विधायकों को सदस्य नामित किया गया है। विधेयक में नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण का परीक्षण कर प्रवर समिति विधानसभा अध्यक्ष को एक माह में रिपोर्ट सौंपेगी।

प्रदेश के नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण के लिए प्रदेश सरकार ने गैरसैंण में हुए मानसून सत्र के दौरान उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) संशोधन विधेयक पेश किया था। लेकिन ओबीसी आरक्षण के सर्वे पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने आपत्ति जताई थी। भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान, विनोद चमोली ने राज्य की डेमोग्राफी के साथ सर्वे पर सवाल खड़े कर विधेयक को प्रवर समिति को सौंपने की मांग उठाई थी। विधानसभा अध्यक्ष ने इसे स्वीकार करते हुए विधेयक प्रवर समिति को भेज दिया था।

समिति में ये हैं सदस्य
प्रवर समिति में छह सदस्य नामित किए गए हैं। इनमें भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान, विनोद चमोली, खजानदास, कांग्रेस विधायक ममता राकेश, हरीश सिंह धामी और बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद शामिल हैं।

राज्य विवि संशोधन विधेयक के लिए अलग बनेगी प्रवर समिति
उत्तराखंड राज्य विवि संशोधन विधेयक के लिए अलग से प्रवर समिति बनेगी। एक-दो दिन के भीतर विस सचिवालय अधिसूचना जारी कर सकता है। राजभवन से विधेयक वापस लौटाने के बाद सरकार ने गैरसैंण में मानसून सत्र के दौरान राज्य विवि संशोधन विधेयक पेश किया था, लेकिन सदस्यों ने इस पर सवाल उठाए, जिससे विधेयक को प्रवर समिति को सौंपा गया।

सदन में नगर निगम संशोधन विधेयक प्रवर समिति को सौंपने का निर्णय लिया गया था। इसी क्रम में शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में प्रवर समिति गठित कर दी गई है। समिति एक माह के भीतर विधेयक का परीक्षण का रिपोर्ट देगी।
– ऋतु खंडूड़ी भूषण, विधानसभा अध्यक्ष