उत्तराखंड में ED ने अब हरक सिंह के पुत्र तुषित से की पूछताछ, ED पूछताछ पर हरक सिंह रावत ने सुना डाली खरी खरी…..

देहरादून: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पेड़ों के अवैध कटान और जमीन घोटाले के मामले में पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के बेटे तुषित रावत से ईडी ने करीब आठ घंटे तक पूछताछ की। ईडी ने तुषित से जमीन की दो पावर ऑफ अटॉर्नी पंजीकृत कराने श्रीमती पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के तहत दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के निर्माण और कार्बेट टाइगर सफारी घोटाले से जुड़े सवाल पूछे।

वही हरक सिंह रावत ने उनके ऊपर चल रही ED की जाँच पर सवाल खडे करते हुए साफ कहा कि ये बीजेपी के इशारे पर किया जा रहा है लोकसभा चुनाव हो, केदारनाथ उप चुनाव हो जब जब मैंने चुनाव लड़ने की सोची ED ने पूछताछ के लिए बुलाया उनके अनुसार ये सोची समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है उनके अनुसार मै इन तमाम बातों से मजबूती सेबाहर निकलूंगा।

पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत की पत्नी दीप्ति रावत और करीबी लक्ष्मी राणा के ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के तीखे सवालों का सामना करने के बाद हरक के पुत्र तुषित रावत को इसी तरह के सवालों का सामना करना पड़ा। ईडी ने तुषित को भी तलब किया था।

वह शुक्रवार को ईडी अफसरों के समक्ष पेश हुए। जहां उनसे करीब आठ घंटे पूछताछ की गई। ईडी के इस रुख के बाद यह लग रहा है कि अधिकारी हरक सिंह से जुड़े जमीन फर्जीवाड़े से लेकर कार्बेट टाइगर रिजर्व में पेड़ों के अवैध कटान के मामले में जांच तेज कर चुकी है। या यूं कहें कि ईडी प्रकरण को अंजाम तक पहुंचाने में जुट गई है।

एक जमीन की दो पावर आफ अटार्नी पंजीकृत कराईं
ईडी के सूत्रों के अनुसार, पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के करीबी बीरेंद्र सिंह कंडारी और नरेंद्र कुमार वालिया ने हरक सिंह रावत के साथ आपराधिक साजिश करते हुए एक जमीन की दो पावर आफ अटार्नी पंजीकृत कराईं। हालांकि, कोर्ट ने संबंधित भूमि के विक्रय विलेख रद कर दिए थे।

बावजूद इसके, भूमि को अवैध रूप से हरक सिंह रावत की पत्नी दीप्ति रावत और उनकी करीबी लक्ष्मी राणा को बेचा जाना दिखाया गया। जिस भूमि पर श्रीमती पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के तहत दून इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस का निर्माण किया गया।

इस इंस्टीट्यूट का संचालन तुषित रावत के ही पास है। ईडी ने हरक सिंह रावत से जुड़े कार्बेट टाइगर सफारी के घपले के साथ जमीन फर्जीवाड़े के इस प्रकरण पर भी जांच शुरू की थी। माना जा रहा है कि ईडी के हाथ जमीन खरीद मामले में अहम दस्तावेज लगे हैं। लिहाजा, इस मामले में तुषित से तमाम सवाल पूछे गए। इस आधार पर ईडी अफसर मनी लांड्रिंग के आरोप पुष्ट करने में जुटी है।

ईडी फरवरी 2024 में दोनों मामलों में उत्तराखंड समेत हरियाणा व दिल्ली में 17 ठिकानों पर एक साथ शुरू की थी। जिसमें ईडी की 17 टीमों ने पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के देहरादून में डिफेंस कालोनी स्थित आवास, उनके बेटे के सहसपुर के शंकरपुर स्थित दून इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज समेत उनसे जुड़े करीबी अधिकारियों उत्तराखंड के वरिष्ठ आइएफएस अधिकारी सुशांत पटनायक व पेड़ कटान में आरोपित सेवानिवृत्त प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) किशन चंद के हरिद्वार के आवास पर जांच की थी।

साथ ही हरक सिंह रावत के निजी सचिव रहे बीरेंद्र कंडारी के दून स्थित आवास, उनके करीबी नरेंद्र वालिया के ऋषिकेश में गंगानगर स्थित अपार्टमेंट, हरिद्वार रोड पर छिद्दरवाला स्थित लक्ष्मी राणा के अमरावती पेट्रोल पंप, काशीपुर में भाजपा के जिला मंत्री अमित सिंह के आलू फार्म स्थित आवास पर भी जांच की गई। इसके अलावा हरक सिंह रावत के श्रीनगर गढ़वाल में श्रीकोट स्थित गहड़ के पैतृक आवास और उनके करीबियों के अन्य ठिकानों को कवर किया गया था।

छापेमारी में ईडी ने 1.10 करोड़ रुपये, 80 लाख रुपये का 1.3 किलो सोना, 10 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा जब्त की गई है। साथ ही उल्लेख किया गया है कि कार्रवाई में कई बैंक लाकर्स, डिजिटल डिवाइस को सीज किया गया है और अचल संपत्ति के बड़ी संख्या में दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इसके बाद ईडी जरूरत पड़ने पर समन भेजकर हरक सिंह रावत समेत उनकी पत्नी दीप्ति रावत, पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं, लक्ष्मी राणा और अन्य को बुलाती आ रही।