उत्तराखंड में बारिश-बर्फबारी का डबल अटैक, 100 से ज्यादा गांवों के लोग कैद……
देहरादून: उत्तराखंड में भारी बर्फबारी और बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई इलाकों में बिजली गुल है और सड़कें बंद हैं। मौसम विभाग ने रविवार को कुछ राहत मिलने की उम्मीद जताई है । करीब 100 गांवों का संपर्क सड़क मार्गों से कट गया है और लोग घरों में कैद हो गए हैं।
उत्तराखंड में दो दिन से मौसम के तेवर तल्ख हैं। बादलों के साये में पहाड़ से मैदान तक वर्षा-बर्फबारी का क्रम बना हुआ है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी हिमपात से जनजीवन प्रभावित हो गया है।
करीब 100 गांवों का संपर्क सड़क मार्गों से कट गया है और लोग घरों में कैद हो गए हैं। निचले इलाकों में भी लगातार हल्की से मध्यम वर्षा होने से पारे में भारी गिरावट आ गई है।
समूचा उत्तराखंड कड़ाके की ठंड की चपेट में है। बदरीनाथ मार्ग और कुमाऊं में चीन सीमा को जोड़ने वाला मार्ग भी बर्फबारी के कारण बंद हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार रविवार को कुछ राहत मिल सकती है। ज्यादातर क्षेत्रों में धूप खिलने का पूर्वानुमान है। हालांकि, पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं आंशिक बादल छाये रह सकते हैं।
उत्तराखंड में ताजा पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण बीते शुक्रवार सुबह से ही मौसम का मिजाज बदला हुआ है। ज्यादातर क्षेत्रों में दिन घने बादलों का डेरा रहा और कहीं वर्षा तो कहीं बर्फबारी का आलम रहा। चमोली बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, औली, गोरसो समेत अन्य चोटियों पर भारी हिमपात हुआ।
बर्फबारी के चलते चमोली से लेकर पिथौरागढ़ तक करीब 100 गांव चारों ओर से बर्फ से ढक गए हैं। जिससे संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं। बदरीनाथ हाइवे हनुमान चट्टी के पास, जोशीमठ मलारी हाईवे भापकुंड के पास व ऊखीमठ-चोपता हाईवे बंद पड़ा है।
बदरीनाथ धाम में चल रहे महायोजना के कार्यों में जुटे 150 से अधिक मजदूर व कर्मचारी कमरों में कैद हो गए हैं। केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य भी प्रभावित हो गए हैं।
मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही वर्षा से तापमान में भी भारी गिरावट दर्ज की गई। ज्यादातर क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से छह से आठ डिग्री सेल्सियस तक नीचे पहुंच गया है। इसके अलावा 24 घंटे में वर्षा भी कई वर्षों में सर्वाधिक हुई है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, रविवार को प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क रह सकता है। बागेश्वर, चमोली और पिथौरागढ़ में कहीं-कहीं आंशिक बादल छाये रहने के साथ ही हल्की वर्षा-बर्फबारी हो सकती है।
हिमपात से चीन सीमा को जोड़ने वाला मार्ग बंद
पिथौरागढ़ जिले में मुनस्यारी व धारचूला की उच्च हिमालयी चोटियों पर हिमपात हुआ है। जबकि, कुमाऊं के निचले इलाकों में भी वर्षा के कई दौर हुए। वाइब्रेंट विलेज गुंजी में चार से पांच फीट बर्फ जम चुकी है।
बर्फबारी के कारण चीन सीमा को जोड़ने वाला तवाघाट-लिपुलेख मार्ग बूंदी के पास बंद हो गया है। इसके अलावा तवाघाट-सोबला-दारमा मार्ग बौगलिंग से आगे बंद है। थल-मुनस्यारी मार्ग पर कालामुनि से बलाती तक भारी हिमपात से यातायात ठप हो चुका है।
रविवार से मौसम में आएगा सुधार
नैनीताल: लगातार वर्षा व ओलावृष्टि के साथ ही हिमकण गिरने से सरोवर नगरी का सामान्य जनजीवन शनिवार को बुरी तरह प्रभावित रहा। नगर जबरदस्त कड़ाके की ठंड की चपेट में है। हिमपात नहीं होने से सैलानी निराश हुए। रविवार से मौसम में सुधार आने की संभावना है। बारिश के दौरान झील में नौकायन पूरी तरह ठप रहा। नगर में पिछले 18 घंटे से वर्षा का दौर रुक रुक कर जारी है।
कई बार ओलावृष्टि हुई, जबकि ऊंचाई वाले हिस्सों में कुछ देर के लिए बर्फ के फाहे भी गिरे। लोग घरों में दुबकने के लिए मजबूर हुए। तापमान में निरंतर गिरावट जारी है। हिमपात की आस लगाए सैलानियों को निराश होना पड़ा। हिमपात की आस लगाए कई शहरों के सैलानी ठहरे हुए हैं। तेज वर्षा के दौरान नाले उफान पर रहे।
मौसम के खराब मिजाज से रोजमर्रा के कार्य बाधित हुए और दिहाड़ी मजदूर कार्य से विरत रहे। देर शाम तक हल्की बारिश का दौर जारी था। जिस कारण हिमपात की संभावना बनी हुई है।
राज्य मौसम विभाग के विज्ञानी डा रोहित थपलियाल के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ का असर रविवार को समाप्त हो जाएगा और मौसम में सुधार आने लगेगा, लेकिन ठंड में गिरावट बनी रहेगी। जीआईसी मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अधिकतम तापमान 11 व न्यूनतम चार डिग्री सेल्सियस रहा। आद्रता अधिकतम 95 व न्यूनतम 60 प्रतिशत रही। वर्षा 25 मिमी हुई।