उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू कर सी एम धामी जी ने बढ़ाया राज्य का गौरव: श्रीमहंत रविन्द्र पुरी…….

हरिद्वार: आज एस. एम. जे. एन. पीजी कॉलेज हरिद्वार में कॉलेज के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ, हरिद्वार नागरिक मंच तथा यूको बैंक के संयुक्त तत्वाधान में ‘समान नागरिक संहिता उत्तराखंड राज्य’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर समाज के विभिन्न क्षेत्रों से आए अधिकारियों, अतिथियों, छात्र-छात्राओं, कॉलेज के शिक्षकों तथा कर्मचारियों ने उत्साह पूर्वक प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर अपने शुभकामना संदेश में श्रीमहंत रविन्द्र पुरी जी महाराज, अध्यक्ष, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कहा कि समान नागरिक संहिता की मांग देश भर में वर्षों से उठ रही थी। इस मांग को पूरा करते हुए उत्तराखंड राज्य के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू कर उत्तराखंड के गौरव को बढ़ाया हैं। श्रीमहंत ने इस मुख्य विषय पर जनजागरुकता के लिए आयोजित की जा रहे इस दो दिवसीय सेमिनार के लिए महाविद्यालय परिवार को बधाई दी।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो सुनील कुमार बत्रा ने कार्यक्रम के विषय में अवगत कराते हुए कहा कि वास्तव में समान नागरिक संहिता देश को भविष्योन्मुखी बनाने के लिए एक सकारात्मक कदम है। उन्होंने कहा कि लिव इन रिलेशनशिप पर भी अब कानून का शिकंजा कसेगा।

उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता समय की आवश्यकता है और भारत के समाज को आधुनिकता की ओर लेकर जाने वाला एक सुदृढ़ प्रयास है। प्रो बत्रा ने कहा कि नवंबर 2022 से लेकर जनवरी 2025 समान नागरिक संहिता के लागू होने में महाविद्यालय परिवार को विभिन्न बैठकों तथा संगोष्ठियों के माध्यम से जन जागरूकता के प्रयासों में भागीदारी करने का अवसर प्राप्त हुआ हैं जो कि महाविद्यालय परिवार के लिए सौभाग्य का विषय हैं।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि तथा मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सिविल जज (सीनियर डिवीज़न) श्रीमती सिमरनजीत कौर ने कहा कि विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और लिव इन रिलेशनशिप को संजोए समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य हैं जो कि इस कानून के माध्यम से महिलाओं को भी समान अधिकार प्रदान कर रहा हैं।

इस अवसर पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉक्टर संजय माहेश्वरी ने कहा कि हम सभी किसी न किसी प्रकार से सविधान द्वारा कानूनों तथा अधिकारों से जुड़े हैं। और समान नागरिक संहिता हमें समान अधिकारों का एक अवसर प्रदान कर रहा हैं। उन्होंने कहा कि अभी उत्तराखंड राज्य के नागरिक इस विषय पर अनभिज्ञ हैं।

हम सभी को समान नागरिक संहिता को विस्तार से समझना होगा और महाविद्यालय द्वारा इस महत्वपूर्ण विषय पर किया जा रहा मंथन स्वागत योग्य कदम हैं।

इस अवसर पर विशेष वक्ता के रूप में बोलते हुए श्री रमन सैनी एडवोकेट जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरिद्वार ने कहा कि संविधान एक जीवित दस्तावेज है जो कि समय की मांग के अनुसार अपने आप को समायोजित करता रहता है। इसी आलोक में समान नागरिक संहिता हमारे संविधान को और अधिक सुदृद्ध करने का एक अनूठा प्रयास है।

इस अवसर पर हरिद्वार नागरिक मंच के संस्थापक अध्यक्ष श्री सतीश जैन ने कहा कि समान नागरिक संहिता, सर्व धर्म समभाव को संजोता हुआ क़ानून हैं।

इस अवसर पर महाविद्यालय के पुरातन छात्र तथा प्रसिद्ध समाजसेवी श्री जगदीश लाल पाहवा ने कहा कि महाविद्यालय समाज को जागरूक करने की पहल में सदैव अग्रणी भूमिका निभाता हैं जो हम सभी के लिए गौरव की बात हैं।

इस अवसर पर उपस्थित छात्र दिव्यांशु गैरोला ने समान नागरिक संहिता में पैतृक संपत्ति से जुड़ा अपना प्रश्न पूछा जिसका उत्तर श्री रमन सैनी एडवोकेट जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरिद्वार ने दिया। इस कार्यक्रम में मंच का संचालन डॉ पल्लवी तथा डॉ पूर्णिमा सुंदरियाल ने किया। इस अवसर पर समान नागरिक संहिता के महाविद्यालय के नोडल अधिकारी डॉ पल्लवी, श्री यादविंदर सिंह, विनीत सक्सेना तथा डॉ पूर्णिमा सुंदरियाल का विशेष सहयोग रहा।

इस अवसर पर डा शिवकुमार चौहान, डा मनोज सोही, वैभव बत्रा, दिव्यांश शर्मा, हरीश चंद्र, डा विनीता चौहान, श्रीमती रिचा मिनोचा, श्रीमती कविता छाबड़ा, श्रीमती रिंकल गोयल, डा लता शर्मा, डा आशा शर्मा, डा मोना शर्मा, डा रेनू सिंह, डा सरोज शर्मा, प्रिंस श्रोत्रिय, डा पुनीता शर्मा आदि उपस्थित रहे।