उत्तराखंड में देश की रक्षा के लिए भारतीय सेना को मिलेंगे 343 युवा अधिकारी, आईएमए में होगी पासिंग आउट परेड…..
देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से शनिवार को 372 कैडेट पास आउट होंगे। जिसमें 343 भारतीय सेना का हिस्सा बनेंगे जबकि 12 मित्र देशों के 29 कैडेट भी पास आउट होंगे। इन कैडेट ने मंगलवार को डिप्टी कमांडेंट परेड में कदमताल की।
डिप्टी कमांडेंट ने कैडेटों की सराहना की और उन्हें बेहतरीन सैन्य अधिकारी बनने के लिए प्रेरित कियाहिम्मत तेरी बढ़ती रहे, खुदा तेरी सुनता रहे। जो सामने तेरे खड़े, तू खाक में मिलाए जा। कदम-कदम बढ़ाए जा…। आत्मविश्वास व जोश से लबरेज जेंटलमैन कैडेट ने पासिंग आउट परेड के रैतिक पूर्वाभ्यास में देशभक्ति से भरपूर इस गीत पर कदम से कदम मिलाते हुए आईएमए के ड्रिल स्क्वायर पर परेड की।अंतिम पग भरा तो हेलीकॉप्टरों ने उन पर पुष्प वर्षा की। मौका था डिप्टी कमांडेंट परेड का। आईएमए के डिप्टी कमांडेंट एवं मुख्य प्रशिक्षक मेजर जनरल आलोक जोशी ने परेड की सलामी ली।372 कैडेट होंगे पास आउट
भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से शनिवार को 372 कैडेट पास आउट होंगे। जिसमें 343 भारतीय सेना का हिस्सा बनेंगे, जबकि 12 मित्र देशों के 29 कैडेट भी पास आउट होंगे। इन कैडेट ने मंगलवार को डिप्टी कमांडेंट परेड में कदमताल की। डिप्टी कमांडेंट ने कैडेटों की सराहना की और उन्हें बेहतरीन सैन्य अधिकारी बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने सेना की वीरता, सम्मान, लोकाचार और उत्कृष्ट परंपराओं का उल्लेख किया। बताई कंधे पर लगने वाले सितारे की अहमियत।
डिप्टी कमांडेंट ने कहा कि आप जब सितारे लगाते हैं, तो याद रहे कि आपके कंधे पर सैन्य इतिहास, परंपरा और राष्ट्र सेवा में अपना जीवन लगा देने वाले अनगिनत नायकों का भी भार है। यह कभी न भूलें कि एक लीडर होने का मतलब केवल आदेश देना नहीं है, बल्कि उन लोगों का सम्मान और विश्वास अर्जित करना है, जिनका आप नेतृत्व करते हैं। उनके भरोसे पर खरा उतरने की कोशिश करें। ऐसे उदाहरण स्थापित करें कि वे गर्व से आपकी ओर देखें।अपने काम से करें प्रभावित।
डिप्टी कमांडेंट ने कहा कि आपका काम शब्दों से कई अधिक प्रभाव छोड़ता है। कर्तव्य के प्रति आपकी अटूट प्रतिबद्धता, करुणा और उत्कृष्टता से ही आप अपने आस-पास के लोगों को प्रेरित करेंगे। इस तरह का लीडर ही दूसरों का उत्थान करता है, उन्हें प्रेरित करता है और उनमें सर्वश्रेष्ठ लाता है। उनके प्रति सहानुभूति और समझ दिखाएं और सौहार्द, आपसी सम्मान व अटूट समर्थन की संस्कृति को बढ़ावा दें। उन्होंने विदेशी कैडेटों को भी बधाई दी।