उत्तराखंड में अब इन गाड़ियों के किराया बढ़ाने का फैसला फिर अटका, लोकसभा चुनाव के बाद ही किया जाएगा विचार……

देहरादून: उत्तराखंड में कर्मशियल गाड़ियों के किराया बढ़ाने का फैसला फिर अटका, लोकसभा चुनाव के बाद ही किया जाएगा विचार। पहले माना जा रहा था कि जनवरी में एसटीए की बैठक होगी लेकिन विभिन्न परिस्थितियों के कारण यह बैठक नहीं हुई। अब लोकसभा चुनाव आने वाले हैं। विभाग की प्राथमिकता अब चुनावों को सुचारू रूप से संपन्न कराने की है। ऐसे में अभी एसटीए की बैठक को लेकर कोई तिथि तय नहीं हुई है। 2022 में हुई बैठक में व्यावसायिक वाहनों के किराये में 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की गई।

प्रदेश में व्यावसायिक वाहनों का यात्री किराया बढ़ाने पर अब लोकसभा चुनावों के बाद ही विचार किया जाएगा। पहले यह माना जा रहा था कि इस वर्ष की शुरुआत में इस पर मुहर लग सकती है। यह निर्णय राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) की बैठक में होना है। बैठक की अभी कोई तिथि तय नहीं है और मौजूदा परिस्थितियों में चुनाव से पहले यह बैठक होती भी नजर नहीं आ रही है।

राज्य परिवहन प्राधिकरण की वर्ष 2020 में हुई बैठक में हर वर्ष वाहनों का किराया बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। यद्यपि, कोरोना के कारण यह व्यवस्था बरकरार नहीं रखी जा सकी। वर्ष 2022 में हुई एसटीए की बैठक में व्यावसायिक वाहनों के किराये में 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की गई।

इसका एक प्रमुख पेट्रोल व डीजल के साथ ही उपकरणों की कीमतों में हुई वृद्धि को बताया गया। इसके बाद वर्ष 2023 में परिवहन निगम ने एसटीए को किराया वृद्धि करने का प्रस्ताव भेजा था। साथ ही अन्य व्यावसायिक वाहन कंपनियां भी किराया वृद्धि की मांग कर रही थीं।

इसे देखते हुए परिवहन मुख्यालय ने किराया निर्धारण समिति का गठन किया। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपी। यह विषय एसटीए की बैठक में भी आया लेकिन एसटीए ने इसमें तय दरों को अनुचित बताते हुए नए सिरे से किराया तय करने के लिए समिति को निर्देश दिए।

समिति अपनी दूसरी रिपोर्ट भी परिवहन मुख्यालय को सौंप चुकी है। इसके बाद एसटीए की बैठक नहीं हुई। पहले माना जा रहा था कि जनवरी में एसटीए की बैठक होगी, लेकिन विभिन्न परिस्थितियों के कारण यह बैठक नहीं हुई।

अब लोकसभा चुनाव आने वाले हैं। विभाग की प्राथमिकता अब चुनावों को सुचारू रूप से संपन्न कराने की है। ऐसे में अभी एसटीए की बैठक को लेकर कोई तिथि तय नहीं हुई है।