उत्तराखंड में अब सरकारी बैठको में चाय बिस्कुट क़ो भी तरसेंगे अधिकारी, जानिए क्या है बड़ा कारण……
देहरादून: हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी बैठकों में होने वाली फिजूलखर्ची को रोकने के निर्देश दिए थे जिसके साथ ही मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव सहित सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देशित किया था की सभी सरकारी बैठक सरकारी हॉल में ही कराई जाए न की प्राइवेट होटलों यह निजी स्थानों पर।
इसके अलावा अब एक और सख्ती के निर्देश दिए गए हैं कि अब सरकारी बैठकों में स्वागत में दिए जाने वाले बुके और परोसी जाने वाली चाय बिस्कुट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।मुख्य सचिव ने बैठक में बुके की परंपरा और चाय पानी परोसने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यही नहीं बैठकों को और प्रभावी बनाने के लिए बैठकों के एजेंडो पर सहमति बिंदु हर हाल अगले दिन जारी करने होंगे। मुख्य सचिव ने बैठकों में स्वागत समय की औपचारिकता को खत्म करने के निर्देश दिए हैं।
साथ ही चाय की परंपरा को भी गलत ठहराया है। मुख्य सचिव ने कहा है कि अपरिहार्य स्थिति में ही बीच में पानी दिया जाएगा नहीं तो बैठक पूर्ण रूप से बिंदुवार और पहले से की गई तैयारियों के आधार पर होगी।
साथ ही मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रस्तुतीकरण में भी ज्यादा समय लग रहा है। वह परंपरा बिल्कुल गलत है बैठक के बिंदु पर पर्याप्त चर्चा करने के लिए भविष्य में जो भी बैठक होगी, उसमें पूरी तैयारी के साथ पॉइंट ग्राफिक्स सांकेतिक छाया चित्रों और न्यूनतम आंकड़ों के साथ प्रस्तुतीकरण तैयार किया जाएगा।
जिससे कि ज्यादा समय भी बर्बाद न हो सके, और बैठक के भीतर सहमति वह सामने की बिंदुओं का दौरा अगले दिन अनिवार्य रूप से जारी करना होगा।