उत्तराखंड में अब चारधाम यात्रा में बिना पंजीकरण अब यात्रा संभव नही, DIG गढ़वाल ने संभाला मोर्चा…..
देहरादून : मुख्य सचिव के निर्देशों के क्रम में डीआईजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल भी एक्शन मोड़ में आ गए है।चारधाम यात्रा के परिपेक्ष्य में पुलिस उपमहानिरीक्षक, गढवाल परिक्षेत्र करन सिंह नगन्याल द्वारा मुनिकीरेती में सम्बन्धित अधिकारियों से गोष्ठी कर दिये आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए है।
पुलिस उपमहानिरीक्षक ने पुलिस अधीक्षक टिहरी, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण देहरादून, क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश, क्षेत्राधिकारी विकासनगर, यातायात/ प्रभारी निरीक्षक ऋषिकेश व मुनिकी रेती को निर्देशित किया गया है कि चारधाम यात्रा हेतु कोई भी यात्री बिना रजिस्ट्रेशन के यात्रा पर निर्धारित चैकिंग प्वाईंट से आगे नहीं जाय। इसके लिये चारधाम यात्रा प्रवेश द्वार भद्रकाली, तपोवन, व्यासी, देवप्रयाग तथा यमुना ब्रिज विकासनगर पर बैरेकेटिंग लगा कर सघन चैकिंग की जाये एंव जो व्यक्ति बिना रजिस्ट्रेशन के है उसे रजिस्ट्रेशन करवाये जाने हेतु अवगत कराया जाये एंव तत्पश्चात ही उसे चारधाम यात्रा हेतु जाने दिया जाये।
यह भी निर्देशित किया गया है कि इस सम्बन्ध में स्थानीय स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाये ताकि चारधाम यात्रा पर जाने वाले सभी श्रद्वालु अपना रजिस्ट्रेशन समय से करा ले और उन्हे यात्रा मार्ग पर किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पडे।
उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि टूर ऑपरेटरर्स के साथ गोष्ठी कर उनको स्पष्ट रूप से निर्देशित किया जाये कि जिन श्रद्वालुओं द्वारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया है उनको चारधाम यात्रा हेतु न ले जायें ।
यात्रामार्ग के सभी जनपदीय प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि यात्रा मार्ग के व्यापारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ गोष्ठी आयोजित करें और उन्हे स्पष्ट रूप से निर्देशित किया जाये कि किसी प्रकार की ओवर रेटिंग न की जाये निर्धारित मूल्य पर ही सामान की बिक्री की जाये। यदि इसके उपरान्त भी ओवर रेटिंग की शिकायत प्राप्त होती है तो तद्नुसार विधिक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।
पुलिसउपमहानिरीक्षक,महोदय द्वारा आम जनता से भी अपील की गई है कि यात्रा के दौरान किसी प्रकार की असुविधा से बचने के लिये यात्रा से पूर्व अपना रजिस्ट्रेशन अवश्य करा लें, साथ ही ड्यूटीरत अधिकारियों/कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि आदेशों का कडाई से पालन कराया जाये परन्तु यात्रा पर आने वाले श्रद्वालुओं के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार न किया जाये।