अगर आप नए घर में करने वाले हैं गृह प्रवेश, तो इन 7 बातों का रखें विशेष ध्यान…….
देहरादून: नया घर बनना अपने आप में बड़ा सौभाग्य है और उसका गृह प्रवेश तो जीवन का सबसे पवित्र पल होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर गृह प्रवेश सही मुहूर्त और सही विधि से किया जाए, तो घर में सुख-शांति, धन-वैभव और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। आइए जानते हैं वो जरूरी बातें, जिन्हें भूलकर भी नजरअंदाज ना करें।
नया घर बनना अपने आप में बड़ा सौभाग्य है और उसका गृह प्रवेश तो जीवन का सबसे पवित्र पल होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर गृह प्रवेश सही मुहूर्त और सही विधि से किया जाए, तो घर में सुख-शांति, धन-वैभव और सकारात्मक ऊर्जा हमेशा बनी रहती है। आइए जानते हैं वो 7 सबसे जरूरी बातें, जिन्हें भूलकर भी नजरअंदाज ना करें।
पूरा निर्माण खत्म होने के बाद ही करें गृह प्रवेश
शास्त्रों में साफ लिखा है – अधूरा घर अशुभ होता है। प्लास्टर, पेंट, दरवाजे-खिड़कियां, बिजली-पानी सब पूरा हो जाए, तब ही गृह प्रवेश करें। अगर मजबूरी में पहले जाना पड़े, तो सिर्फ पूजा करके वापस आ जाएं, रात में रुकना वर्जित है। अधूरा घर वास्तु दोष पैदा करता है और परिवार पर मुसीबतें लाता है।
मुख्य द्वार की सजावट
मुख्य द्वार घर का मुख होता है। गृह प्रवेश से एक दिन पहले ही द्वार को आम के पत्तों का तोरण, फूलों की मालाएं, स्वास्तिक, ॐ और शुभ-लाभ लिखकर सजाएं। दोनों तरफ केले के खंभे या आम-अशोक के पत्तों का बंदनवार लगाएं। द्वार पर लाल रंग की रंगोली और दोनों तरफ दीपक जलाएं। यह सजावट लक्ष्मी मां को सीधे आमंत्रण देती है।
रंगोली, नारियल और कलश
गृह प्रवेश के दिन मुख्य द्वार पर बड़ी रंगोली बनाएं, बीच में स्वास्तिक और कमल का फूल जरूर हो। दाहिने-बाएं दो नारियल लाल कपड़े में लपेटकर रखें। पत्नी या गृहणी कलश में पानी, सुपारी, दूर्वा, सिक्का और लाल कपड़ा बांधकर सिर पर रखकर प्रवेश करे। कलश को घर के ईशान कोण में स्थापित करें – यह घर में धन और सुख की वर्षा करता है।
दाहिने पैर से प्रवेश
गृह प्रवेश में सबसे पहले गृहस्वामी और गृहणी एक साथ दाहिना पैर रखकर घर में प्रवेश करें। नारियल फोड़ें और ‘ॐ गण गणपतये नमः’ बोलते हुए अंदर आएं। बायां पैर पहले रखने से वास्तु दोष लगता है और नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है।
घर में सबसे पहले मंदिर स्थापित करें
घर में कदम रखते ही सबसे पहले ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में मंदिर बनाएं। लक्ष्मी-गणेश, राधा-कृष्ण या कुलदेवता की मूर्ति स्थापित करें। दीपक जलाएं, अगरबत्ती करें और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। मंदिर स्थापना के बिना गृह प्रवेश अधूरा माना जाता है।
शंखनाद, हवन, गणेश पूजा और नवग्रह शांति अनिवार्य
गृह प्रवेश के दिन पंडित जी से गणेश पूजा, नवग्रह शांति और हवन करवाएं। शंखनाद से घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा निकल जाती है। हवन में आम की लकड़ी, घी, हवन सामग्री और नवग्रह की आहुतियां जरूर दें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और सभी ग्रह प्रसन्न रहते हैं।
किचन में सबसे पहले दूध उबालें
गृह प्रवेश के बाद सबसे पहले किचन में जाकर दूध उबालें। दूध में थोड़ी चीनी और इलायची डालें। उबालते समय दूध बाहर गिरे, तो बहुत शुभ माना जाता है। सबसे पहले गणेश जी को और फिर सबको प्रसाद बांटें। यह मां अन्नपूर्णा को घर में आमंत्रित करने की परंपरा है – इससे घर में कभी अन्न-धन की कमी नहीं होती है।
इन 7 बातों का पालन करके जब आप गृह प्रवेश करेंगे तो आपका नया घर सचमुच स्वर्ग बन जाएगा।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों के पूर्णतया सत्य एवं सटीक होने का हम दावा नहीं करते हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।


