उत्तराखंड में नगर निकायों में आउट सोर्स से जुटे अवैध कार्मिकों को शासन से झटका…..
देहरादून: सचिव नगर विकास नितेश झा ने आउट सोर्स की आड में बड़े फर्जीवाड़े को झटका दिया है सचिव नितेश ने अपने पत्र में नगर आयुक्तों और निदेशक नगर विकास को संबोधित करते हुए कहा है कि।
अपने दिनांक 21 नवम्बर 2024 विषय-शहरी विकास विभाग के पुनर्गठित ढांचा दिनांक 12.06.2015 द्वारा स्वीकृति पदों से इतर स्थानीय निकायों में कार्यरत दैनिक वेतन/संविदा/आउटसोर्स कार्मिकों की सेवाओं के सम्बन्ध में दिनांक दिनांक 29 अगस्त, 2023 (प्रति संलग्न) का सन्दर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें जिसके द्वारा दैनिक वेतन/संविदा एवं आउटसोर्स पर कार्यरत कार्मिकों के सम्बन्ध में कतिपय दिशा-निर्देश निर्गत किये गये थे।
उक्त शासनादेश के प्रस्तर 4 (2) में स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया था कि शहरी विकास विभाग के पुनर्गठित ढांचा दिनांक 12.06.2015 द्वारा स्वीकृत पदों से इतर निकायों में किसी भी प्रकार की नियुक्ति न की जाय तथा यदि किसी निकाय में स्वीकृत पदों से इतर किसी पद पर शासन की अनुमति के बिना कोई नियुक्ति की गयी है, तो ऐसी अनियमित नियुक्ति को तत्काल समाप्त किया जाय। उक्त शासनादेश में यह भी उल्लिखित किया गया था कि यदि किसी भी शहरी स्थानीय निकाय द्वारा समय-समय पर शासन स्तर से निर्गत शासनादेशों/दिशा-निर्देशों का अनुपालन न करते हुए अपने स्तर से कार्मिकों की नियुक्ति की जाती है या अनियमित वेतन का भुगतान किया जाता है तो इसकी वसूली सम्बन्धित शहरी स्थानीय निकाय के नियन्त्रक / सक्षम प्राधिकारी से की जायेगी।
3 अतः इस सम्बन्ध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि कार्मिक विभाग के शासनादेश दिनांक 27.04.2018 द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों तथा शहरी विकास विभाग के पुनर्गठित ढांचा दिनांक 12.06.2015 द्वारा स्वीकृत पदों से इतर, निकायों में की गयी अनियमित नियुक्तियों अवैध समझी जायेंगी।
उक्त शासनादेशों के अनुपालन में की गयी कार्यवाही की अद्यतन स्थिति निदेशक, शहरी विकास निदेशालय के माध्यम से अविलम्ब शासन को उपलब्ध कराने का कष्ट करें।
प्रतिलिपि निदेशक, शहरी विकास निदेशालय, उत्तराखण्ड को इस आशय से प्रेषित कि उक्तानुसार कृत कार्यवाही की सूचना समस्त निकायों से प्राप्त कर 01 सप्ताह के भीतर शासन को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।